वृद्धों की समस्याएं और समाधान अब आप बूढ़े हो गए हैं और जवानी में बुढ़ापे की तैयारी भी नहीं की है। इसलिए स्वाभाविक है कि आप पछताएं और अपने को कोसे। वही आप कर भी रहे हैं। मगर इस पछताने, कोसने और रोने झीकनें से होता क्या है।न तो इससे बुढ़ापा चला जाएगा और न उससे बुढ़ापा काटने में मदद मिलेगी। अब तो आपको लाभ साहस पूर्वक बुढ़ापे से टक्कर लेने से ही मिलेगा।
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य✍🏻
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